अजब-गजब! कभी देखा है एक ही परिवार में 90 सदस्यों को, मुखिया के नाम से जाना जाता है गांव
- By Sheena --
- Sunday, 30 Jul, 2023
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90 Members in the Same Family Call Village Identified by The Name of Chief
90 Members in Same Family: आमतौर पर गांव आदि में करीब 5 से 10 परिवार निवास करते है। और ये आमतौर पर देखा गया है की गांव में लोग काम रहते है यानि की उनकी आबादी काम। क्योंकि ज्यादातर लोग अब शहरों में बसने लग गए है। लेकिन क्या आप जानते है की मध्यप्रदेश में 90 लोगों का एक ही परिवार है। इस गांव में में एक ही कुनबे के परिवार है। दरअसल खरगोन जिले के भगवानपुरा तहसील के देवाड़ा गांव में यह वासल्या फलिया है। जहां एक ही परिवार के 90 सदस्य रहते है। इस परिवार के मुखिया स्व. वासल्या के नाम से ही इस फलिए की पहचान है। स्व. वासल्या पटेल के 5 बेटे और 6 भाईयों सहित परिवार में कुल 90 सदस्य है। इस परिवार में 44 पुरूष और 46 महिला सदस्य है। आइए जानते है इस अनोखे परिवार के बारे में...
सामूहिक रूप से करते हैं खेती
बताया जाता है कि जनजातीय समुदाय के नागरिकों में यह परंपरा रही है कि वे विवाह के बाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग मकान में रहतें हैं। लेकिन कई बार रसोई और कृषि सामूहिक रूप से करते हैं। इस पटेल (ब्राम्हणे) परिवार का एकजुट होकर रहने की भी कुछ ऐसी ही संस्कृति है। सभी के अलग-अलग घर और रसोई है। कुछ भाई सामूहिक रूप से कृषि करते है।
मुख्यमंत्री द्वारा बनी लाड़ली बहना योजना का लाभ
शासन की योजनाओं में सर्वाधिक लाभ पाने वाला भी यह परिवार प्रदेश का पहला परिवार बन चुका है। इस 90 सदस्यों के परिवार में 17 सदस्य ऐसे हैं जिन्हें शासन की योजनाओं से प्रतिमाह 62 हजार रुपए का लाभ मिल रहा है। इस परिवार में 12 ऐसी महिलाएं है जो सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी है।
62 हजार रुपए आ रही सरकार की योजना से राशि
प्रदेश में 2 माह पहले शुरु हुई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में इस परिवार की महिलाओं ने भी आवेदन किए थे। प्रदेश में एक ही परिवार की सबसे अधिक लाड़ली बहना और अन्य 2 योजनाओं के माध्यम से प्रतिमाह 62 हजार रुपये सीधे बैंक खाते में सर्वाधिक राशि प्राप्त करने वाला पहला परिवार होगा। लाड़ली बहना योजना के पहले चरण में परिवार की 12 महिलाओं के खाते में राशि आना शुरु हो गई है। अब योजना के तहत पात्र महिलाओं की न्यूनतम उम्र 23 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है। इससे लाडलियों के इस कुनबे में परिवार की 5 अन्य महिला सदस्य और जुड़ जाएगी। इस तरह योजना का लाभ लेने में एक ही परिवार की कुल 17 महिलाएं लाडली बहनाएं बन जाएगी।
शिक्षा पर खर्च हो रही सरकार से मिलने वाली राशि
परिवार के मुखिया स्व. वासल्या के अलावा इंजनिया, रामलाल, जुरसिंग, जगदीश व कैलाश ब्राम्हणे कुल 6 भाई है। जबकि भूरसिंह, गिलदार, ठेवासिंह, रेलसिंघ और तेलसिंह वासल्या के 5 लड़के है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि योजना से मिलने वाली राशि को बच्चो की शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च किया गया है। वर्तमान में शासन की लाडली बहना योजना में लाभ पाने वाली लाभान्वित महिलाओं में गजरी बाई, गीता बाई, शांता बाई, सनना बाई, रेशमा बाई, निर्मला बाई, शारदा बाई, नारंगी बाई, झूमा बाई, पातली बाई, सायणी बाई व तानी बाई शामिल हैं. वहीं अन्य दो योजनाओं में लाभ पाने वाले हितग्राहियों में परिवार की सुंदरी बाई, गिलदार, तेलसिंग, भूरसिंग व लालीबाई शामिल हैं।